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हरियाणा राज्य, जो 1966 में पंजाब के सबसे पिछड़े क्षेत्र से बना था, अब देश के सबसे समृद्ध राज्य में से एक होने की प्रतिष्ठा अर्जित कर चुका है। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में नदियों, नहरों, नालों, प्राकृतिक और मानव निर्मित झीलों/जलाशय/सूक्ष्म जल शेड और गांव के तालाबों के रूप में अच्छे जल संसाधन हैं। मछुआरा समुदाय और ज्यादातर शाकाहारी आबादी की अनुपलब्धता के कारण हरियाणा में मछली पालन थोड़ा मुश्किल है। वर्ष 1966-67 में 1.5 लाख मत्स्य बीज का भंडारण कर केवल 58 हेक्टेयर तालाब का जल क्षेत्र मत्स्य पालन के अधीन था और कुल वार्षिक मत्स्य उत्पादन केवल 600 टन था, जिसे 2925.31 लाख का स्टॉक कर मत्स्य पालन के तहत 18207.06 हेक्

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005

 वित्तीय आयुक्त से परिपत्र संख्या No.5 / 4/2002-IAR दिनांक 30.7.2005 की आवश्यकताओं के अनुसार; सरकार के प्रधान सचिव। हरियाणा प्रशासनिक सुधार विभाग

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